Direct Selling: प्लान देखने के बाद आपका गेस्ट यह बोलता है की सोचकर बताऊंगा तो तुरंत यह काम कीजिये 100% ज्वानिंग करेगा
Direct Selling Objection Handling. अगर आपने पूरी तैयारी के साथ पूरे जोश के साथ आपने बहुत ही अच्छा प्लान दिखाया लेकिन आपका गेस्ट आपसे जब यह कहता है की सोच कर बताऊंगा, तो यह एक बहुत ही बड़ा आब्जेक्शन है और यह आब्जेक्शन आने पर बहुत लोग मायूस हो जाते हैं।
उनको समझ में ही नहीं आता है, अब क्या बोलें। लेकिन आपको घबराने की जरूरत नहीं है। इस आब्जेक्शन को टेकल करने का एक रियल प्रैक्टिकल तरीका आज मैं आप सभी को इस लेख में बताने वाला हूं।
सबसे पहले आपको आब्जेक्शन के साइकोलॉजी को समझना होगा। हर आब्जेक्शन की एक साइकोलॉजी होती है, हर आब्जेक्शन के पीछे हिडेन मीनिंग होता है।
लेकिन इसमें प्रॉब्लम क्या है, आप प्रोडक्ट बेचने जाते हैं और बहाना खरीद कर आ जाते हैं आप किसी को समझाने जाते हैं लेकिन अब खुद समझ कर आ जाते हैं।
इसके लिए आपको साइकोलॉजी को समझना होगा हर आब्जेक्शन के पीछे के जो हिडेन मीनिंग है उसको समझिए।
Direct Selling Objection Handling
महत्वपूर्ण बिन्दू
- जैसे कि मान लीजिए आपका गेस्ट आपसे जब यह कहता है कि मेरे पास पैसे नहीं है तो आपको क्या सुनाई देना चाहिए।
आपको यही सुनाई देना चाहिए कि मेरा गेस्ट मुझसे यह कहना चाहता है कि मेरा फाइनेंसियल कंडीशन बहुत खराब है और आप मुझे यह समझाइए कि इस बिजनेस को ज्वाइन करके मैं अपनी कंडीशन को कैसे सुधार सकता हूं।
मैं इसको ज्वाइन करना चाहता हूं आपको यही सुनाई देना चाहिए।
- अगर आपका गेस्ट यह कहता है कि मैं आपकी तरह बोल नहीं पाऊंगा।
तब आपको क्या सुनाई देना चाहिए, आपको यही सुनाई देना चाहिए कि मेरा गेस्ट मुझसे यह कहना चाह रहा है कि मैं ज्वाइन करने के लिए तैयार हूं लेकिन मेरे अंदर एक डाउट है, एक डर है की मैं बोल पाऊंगा कि नहीं ,लोगों को जोड़ पाऊंगा कि नहीं, लोग मेरे साथ जुड़ेंगे कि नहीं।
आप इस डर को खत्म कर दीजिए, मैं आपके साथ जॉइन करने के लिए तैयार हूं।
- अगर आपका गेस्ट आपसे जब यह कहता है कि मैं सोचकर बताऊंगा
इसके पीछे का हिडेन मीनिंग क्या है, यानी कि आप अपने गेस्ट से यही सुनना चाहते हैं की मेरा गेस्ट मुझसे यही कहना चाह रहा है कि मैं आपके साथ जुड़ना चाहता हूं, आगे बढ़ना चाहता हूं, लेकिन मैं निर्णय नहीं ले पा रहा हूं।
आप मुझे निर्णय लेने में मदद कीजिए। अगर हम दोनों ने मिलकर डिसीजन लिया तो मैं आपके साथ जुड़ने के लिए तैयार हूं।
यही हिडेन मीनिंग आप किसी भी आब्जेक्शन पर इसको अप्लाई कर सकते हैं अब जान लेते हैं की इसको टेकल कैसे करना है।
जैसे कि आपके गेस्ट ने आपसे यह कहा कि मैं सोचकर बताऊंगा तो सबसे पहले तो आप एग्री हो जाओ, क्योंकि अगर आप उसके विरुद्ध खड़े होंगे तो वह आपके विरुद्ध खड़ा हो जाएगा।
किसी भी हाल में गेस्ट को गुस्सा नहीं दिलाना और उसका विरोध नहीं करना है। क्योंकि वह तो सोच कर बैठा है की जब वह जैसे बोलेंगे तो मैं बोलूंगा कि मैं सोचकर बताऊंगा और वह मुझसे यह बोलेंगे कि इसमें क्या सोचना है तो ऐसे में बहुत लोग यही बोल देते हैं कि इसमें क्या सोचना है तभी गेस्ट समझ जाता है कि यह तो बिल्कुल वैसा ही आदमी है जैसे कि मैं सोच रहा हूं।
तो वह अपना दिमाग बंद करके बैठ जाता है और उसके दिमाग में कुछ भी नहीं जाता है तो सबसे पहले उसकी साइकोलॉजी को ब्रेक करना है।
जब उसने कहा कि मैं सोचकर बताऊंगा तो फिर आप बोलिए बिल्कुल सही बात है सोचना चाहिए बिना सोचे कोई काम नहीं करना चाहिए।
क्योंकि अगर बिना सोचे कोई काम करेंगे तो पछताना पड़ेगा तब आपका गेस्ट यह सोचेगा कि यह आदमी तो वैसा नहीं है जैसा मैं सोच रहा हूं।
यह तो कुछ अलग टाइप का आदमी है। तब उसका दिमाग खुला रहेगा और अगर दिमाग खुला रहेगा तो अंदर कुछ जाएगा वह समझ भी पाएगा।
अब यहां पर ध्यान से समझिए आपको अपने गेस्ट को कैसे समझाना है।
आपको यह समझाना है कि सोचना किसी भी कार्य की शुरुआत है। पहले सोचा जाता है फिर एक मजबूत फैसला लिया जाता है और उसके बाद इस काम को किया जाता है।
TYPES OF PEOPLE THINKER
इस दुनिया में दो प्रकार के लोग हैं
सबसे पहला जो सोचते हैं और सोचते हैं और गहराई में जाकर सोचते हैं और सिर्फ सोचते ही रहते हैं। वह कोई फैसला नहीं ले पाते हैं और जो लोग अपनी जिंदगी का फैसला खुद नहीं लेते हैं तो दुनिया ने उनकी फैसला लेती है और उनके हालात उनके फैसले लेते हैं और जब दुनिया और हालात फैसले लेंगे तो जिंदगी व्यक्ति की मर्जी के मुताबिक नहीं होगी।
TYPES OF PEOPLE DECISION MAKER
जो सोचते हैं लेकिन सोचने के बाद एक फैसला लेते हैं और जिंदगी में आगे बढ़ जाते हैं ।
आप अपने गेस्ट से पूछिए की आप मुझे बताइए जिसको जिंदगी में कामयाब होना है और आगे बढ़ना है उसको क्या करना चाहिए।
सोचते रहना ही सही है की सोच कर कोई डिसीजन लेना सही है। तब आपका गेस्ट तुरंत आपसे कहेगा डिसीजन तो लेना चाहिए, तो आप उनको समझाइए की डिसीजन लेने में मैं आपका मदद करता हूं।
आप उन को समझाइए की डिसीजन लेना बहुत ही आसान है। जैसे कि मंदिर जाने में 10 से 12 मिनट का समय लगता है लेकिन मंदिर जाना चाहिए यह विचार आने में 10 साल या पूरी जिंदगी गुजर जाती है।
उसी प्रकार डिसीजन लेने में सिर्फ 5 मिनट का ही समय लगता है लेकिन डिसीजन लेने के लिए लोग बहुत ज्यादा समय गवां देते हैं तो इसीलिए आज हम लोग इसका डिसीजन क्लियर कर लेते हैं।
कोई भी डिसीजन लेना है तो इसका 2 factor है।
FACTOR 1.
अगर यह काम मैं करता हूं तो मुझे ज्यादा से ज्यादा नुकसान कितना हो सकता है, अगर यह मेरा डिसीजन 100% गलत निकला तो मुझे ज्यादा से ज्यादा नुकसान कितना हो सकता है।
FACTOR 2.
अगर मेरा डिसीजन सही निकला तो मुझे ज्यादा से ज्यादा कितना फायदा हो सकता है।
अगर यह दोनों का समझ हो गया तो फिर एक ही सवाल अपने आपसे पूछना है कि इतना फायदा कमाने के लिए यानी कि हासिल करने के लिए क्या मैं इतना रिक्स उठाने के लिए तैयार हूं।
क्योंकि यह रिक्स भी ज्यादा है और यह फायदा भी ज्यादा तो दोनों को देखना है और डिसीजन लेना है।
मान लीजिए अगर किसी बिजनेस को ज्वाइन करने की बात सोचते हैं तो अगर आप इस बिजनेस को ज्वाइन करेंगे तो ज्यादा से ज्यादा नुकसान क्या होगा।
मान लीजिए अगर आपका डिसीजन गलत निकला तो ज्यादा से ज्यादा नुकसान क्या हो सकता है।
मान लीजिए अगर आपने 4000 , 5000 के प्रोडक्ट लिया और आपके साथ एक भी व्यक्ति नहीं जुड़ा, आपका एक भी प्रोडक्ट नहीं बिका तो आपका नुकसान क्या होगा आपके प्रोडक्ट को कोई भी व्यक्ति नहीं लेगा कोई व्यक्ति आपकी टीम में नही जुड़ेगा तो आपका ज्यादा नुकसान कितना है “0”।
क्यों नुकसान “0” है क्योंकि आपने जितने रुपए का प्रोडक्ट लिया है जितने पैसे आप प्रोडक्ट के लिए दिए हैं उतना आपको प्रोडक्ट मिल गया है तो नुकसान तो कुछ नहीं है।
अब ज्यादा से ज्यादा फायदा क्या होगा इसका बात कर लेते हैं।
अगर आपका डिसीजन 100% सही निकला तो 2 साल या 3 साल के अंदर ही आप लाखों रुपया कमा लेंगे बहुत बड़ी टीम बना लेंगे और आप कामयाब इंसान बन जाएंगे।
तो आपको एक ही सवाल पूछना है जिंदगी बदलने के लिए यानी कि कामयाब बनने के लिए, एक महान इंसान बनने के लिए, करोड़पति बनने के लिए।
क्या मैं “0” लॉस उठाने को तैयार हूं?
अब आप यहां पर अपने गेस्ट से एक और सवाल पूछिए समझदार व्यक्ति क्या करेगा जब एक भी रुपए का रिक्स नहीं है।
एक भी रुपए का नुकसान नहीं है तो कोई व्यक्ति क्या करेगा एक समझदार इंसान क्या डिसीजन लेगा, इस बिजनेस को स्टार्ट करने के लिए रिस्क लेगा कि नहीं लेगा।
आपका गेस्ट तुरंत आपसे यही बोलेगा कि एक समझदार इंसान इस बिजनेस को ज्वाइन करेगा और वह डिसीजन को लेगा।
तो फिर आप उनसे पूछिए आपका डिसीजन क्या है, जाहिर सी बात है वह खुद बोले हैं कि एक समझदार इंसान डिसीजन लेगा तो जाहिर वह भी डिसीजन लेंगे।
इस टेक्निक को आप फील्ड में अप्लाई कीजिए आपको 100% रिजल्ट मिलेगा।
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