Easy way to repay personal loan पर्सनल लोन को चुकाने का आसान तरीका
Easy way to repay personal loan. आज के इस लेख में मैं आप सभी को पांच ऐसे आसान टिप्स देने वाला हूं जिससे कि आप सभी को अपना पर्सनल लोन चुकाने में कोई भी परेशानी नहीं होगी।
तो चलिए इसको अच्छे से समझ लेत हैं कि वह कौन सी ऐसी 5 टिप्स है जिससे कि आप पर्सनल लोन को री-पे कर सकते हैं।
1. कितना तक आपको लोन लेना चाहिए?
महत्वपूर्ण बिन्दू
तो सबसे पहले तो मैं इसको आप सभी को एक उदाहरण के माध्यम से समझाना चाहूंगा।
जो बैंक है वह आपको जब भी लोन देते है तो वह आपको आपके एलिजिबिलिटी के हिसाब से देते हैं।
तो मान लीजिए अगर आपकी एलिजिबिलिटी ₹500000 की हो रही है और आपको सिर्फ ₹300000 की जरूरत है,
तो यहां पर अगर आप यह सोच रहे हैं कि ₹200000 तो मैं मैनेज कर सकता हूं।
लेकिन आपको वह पूरे ₹500000 नहीं लेना यह नहीं कि बैंक दे रही है तो आपको पूरे ₹500000 लेना है आपको ऐसा नहीं करना है।
आपको सिर्फ उतना ही लोन लेना चाहिए जितनी कि आपकी जरूरत है।
क्योंकि जितना ज्यादा लोन आप लेंगे उतना आपको रि-पे भी करना पड़ता है और उसका जो ब्याज है वह भी आपको देना पड़ता है।
आपको इस बात को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि जितने की जरूरत है उतने ही लोन आपको लेनी चाहिए।
कभी भी ऐसा नहीं करना चाहिए कि चलो अगर बैंक ज्यादा दे रही है तो ज्यादा ले लेते हैं ऐसा आपको नहीं करना है।
क्योंकि अगर आप ज्यादा लोन लेंगे तो उसी के हिसाब से आपको ज्यादा ब्याज भी भरना पड़ेगा।
2. ब्याज दर
यह ब्याज दर बहुत ही इंपॉर्टेंट है क्योंकि जब आप कोई लोन लेते हैं तो उसको आपको रि-पे भी करना पड़ता है।
और अगर आपका ब्याज दर बहुत ज्यादा हो जाता है तो आपको लोन भरने में परेशानी होती है।
अगर आप रि-पे नहीं कर पाते हैं टाइम पर तो आपका जो क्रेडिट स्कोर है वह भी बहुत नीचे चला जाता है।
तो आपको इसकी वजह से यहां पर बहुत बड़ी दिक्कत हो सकती है।
आपको इस बात को बहुत ही ध्यान से समझना होगा सबसे जरूरी बात यह है कि आप जिस भी कंपनी से या बैंक से लोन लिए हैं उसका एग्रीमेंट चेक कर लीजिए कि आप उस कंपनी से या उस बैंक से कितने रुपए ब्याज दर पर चेक लिए हैं ।
कहीं बैंक यह तो नहीं लिखा है कि यह जो इंटरेस्ट सेट है वह वेरिएबल है।
मान लीजिए कि अगर इंटरेस्ट सेट वेरिएबल लिख दिया है तो आप यह समझ जाइये की बैंक के पास ये राइट है की उसके इंटरेस्ट सेट को बढ़ाने के लिए तब भी दिक्कत हो जाएगी अगर आप कम इंटरेस्ट रेट पर लिए है तो।
लेकिन आप साइन कर दिए हैं उस एग्रीमेंट पर और उस पर यह लिखा है कि आपका इंटरेस्ट सेट जो है वह वेरिएबल है तब बैंक के पास यह राइट है कि वह इस को बढ़ा सकती है।
तो सबसे पहले आपको बहुत ही ध्यान से एग्रीमेंट को पढ़ना है और जो ब्याज दर है वह कम पर ही आपको लेना है।
3. मंथली कंसिटेन्स
क्योंकि अगर आपका इनकम ₹100000 की है और आपका ईएमआई जो है वह बहुत ही ज्यादा है तो आपको पेमेंट करने में बहुत ही दिक्कत होगी।
इसलिए आपको इस बात को ध्यान में रखना होगा कि जो आपका ईएमआई है वह 20 से 30 % से ज्यादा नहीं होनी चाहिए आपका इनकम का।
क्योंकि अगर इनकम से ज्यादा आपका ईएमआई पड़ गया तो बहुत ही दिक्कत हो जाएगी।
इसीलिए आपका जो मंथली कंसिटेन्स है उसको ध्यान रखना है और आपका जो ईएमआई है वह बहुत ही कम से कम होना चाहिए ताकि उसको आप टाइम से रि-पे कर पाए।
4. सैलरी डेट या इनकम डेट
आप अगर कहीं पर जॉब कर रहे हैं या बिजनेस कर रहे हैं तो आपका सैलरी डेट 1 तारीख का है और आप ईएमआई लिए हैं 30 तारीख का तो आपको बहुत ही दिक्कत हो जाएगी क्योंकि 30 तारीख को आपका ईएमआई भरना है और 1 तारीख को आपको सैलरी मिलेगा तो आपको 30 तारीख को यह ईएमआई कैसे भी भरना ही होगा।
लेकिन आपका सैलरी तो 1 तारीख को आएगी तो ऐसे में आप ईएमआई का पैसा कहां से लेंगे।
या तो आप अपने दोस्तों से लेंगे या अपने ऐसे जानने पहचानने वाले से लेंगे कि आप अपना ईएमआई टाइम से भर पाएं।
इसलिए आपको इस बात को ध्यान में रखना है कि मेरा जो ईएमआई डेट है वह मेरी सैलरी डेट के बाद ही आए यानी की सैलरी डेट के एक-दो दिन बाद ताकि आपको कोई भी दिक्कत ना हो यह ईएमआई भरने में।
5. प्री-पेमेंट ऑप्शन
अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा की प्रीपेमेंट क्या है?
तो मैं आप सभी को समझने के लिए बता दूं कि जब भी आप किसी बैंक से लोन लेते हैं तो आपको ध्यान से चेक करना पड़ता है कि आप इसको समय पर री-पे कर पाएंगे या नहीं।
क्योंकि बहुत सारे बैंक क्या करती है कि जो प्री-पेमेंट है उस पर कई प्रकार का चार्ज लगा देती है और कई ऐसे बैंक है जो प्री-पेमेंट का ऑप्शन रखता ही नहीं है।
इसीलिए आपको ध्यान से उनका एग्रीमेंट पढ़ना चाहिए कि इसमें प्रीपेमेंट का ऑप्शन दिया है या नहीं।
और प्रीपेमेंट का ऑप्शन भी दिया है तो उसमें कितना चार्ज है इस चीज को आप को ध्यान में रखना होगा।
कोई भी लोन लेने के लिए यह बहुत ही इंपॉर्टेंट चीजें हैं इसको आप को ध्यान में रखना ही होगा।
- सबसे पहला है लोन अमाउंट यानी कि कितना अमाउंट लेना है।
- इंटरेस्ट यानी कि जितने कम ब्याज दर पर आप लोन लेंगे उतना ही आपका फायदा है और आपको पेमेंट करने में बहुत ही आसानी होगी।
- मंथली कंसिस्टेंट अपना इनकम देखना है और यह देखना है कि ईएमआई कितना है आपके इनकम के हिसाब से ही आपका ईईएमआई भी होना चाहिए 20 से 30 परसेंट होनी चाहिए।
- सैलरी डेट, सैलरी डेट इसलिए इंपॉर्टेंट है कि आपको यह देखना है कि मेरा जो ईएमआई डेट है वह सैलरी डेट के बाद ही पड़ना चाहिए।
- उस बैंक में प्री-पेमेंट ऑप्शन है या नहीं इसको आप को ध्यान से चेक कर लेना चाहिए कि अगर प्रीपेमेंट का ऑप्शन भी दिया है तो उसमें कितना चार्ज लगेगा।
तो अगर इन 5 चीजों का ध्यान से चेक करेंगे और इसको याद रखेंगे तो ऑटोमेटेकली आपको कभी भी दिक्कत नहीं होगी पर्सनल लोन चुकाने में।
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