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आपको प्लान बताने में भी अच्छा लगेगा और सामने वाले को आपका प्लान सुनने में भी अच्छा लगेगा। और जब सामने वाला व्यक्ति आपके प्लान को अच्छे से सुनेगा यानी कि उसको आपका प्लान सुनने में अच्छा लगेगा तो आपकी जॉइनिंग का रेशियो भी बढ़ जाएगी,
अगर आप के प्लान प्रजेंटेशन में कोई स्टोरी है तो वह आपके प्लान प्रजेंटेशन को बहुत ही बेहतरीन बना देता है।
जब आप लोगों को अपना प्लान प्रेजेंटेशन दिखाते हैं आधा घंटा या फिर 45 मिनट जितनी भी देर आप अपना प्लान प्रेजेंटेशन कर रहे हैं, प्लान प्रेजेंटेशन की ज्यादातर चीजें फैक्ट और डाटा होता है और डाटा और फैक्ट हमेशा बोरिंग होता है।
तो अगर आप आधा घंटा या 45 मिनट अपना प्लान प्रजेंट कर रहे हैं तो वहां पर आप अपने गेस्ट को बोर कर रहे हैं। क्योंकि बैक टू बैक आप डाटा देते जाते हैं मतलब की कभी आप कंपनी का प्रोफाइल बताते हैं,
कभी आप प्रोडक्ट के बारे में बताते हैं ,कभी आप अपने प्लान के बारे में बताते हैं, यह सारी चीजें सामने वाले गेस्ट को बोरिंग महसूस कराने लगता है।
तो मेरे कहने का मतलब यह है कि आपके पास कुछ कहानियों का डेटाबेस भी होना चाहिए। यह नहीं है कि आप जब भी किसी गेस्ट के पास जाएं तो हर बार नया नया आपके पास स्टोरी होना चाहिए ऐसा कुछ भी नहीं है।
लेकिन आपके पास कुछ कहानी का स्टॉक जरूर होना चाहिए जो आपको अपने गेस्ट को आधा घंटा या 45 मिनट के प्रजेंटेशन में जरूर बीच-बीच में सुनाना चाहिए। आपके पास ज्यादा स्टोरी नहीं है तो आप एक ही स्टोरी को बार-बार हर एक नए गेस्ट के सामने कर सकते हैं।
कुछ छोटे-छोटे चुटकुले भी रख सकते हैं अगर आपको कोई स्टोरी नहीं मिलता है तो आप अपने अपलाइन का ही सक्सेस स्टोरी या फिर अपने डाउन लाइन के स्टोरी बताइए कि जब वह इस कंपनी में आए थे तो उनकी स्थिति इतनी खराब थी।
कुल मिलाकर कहने का मतलब यह है कि आपको आधा घंटा या 45 मिनट के प्रजेंटेशन में स्टोरी जरूर सुनाना पड़ेगा। अगर आपको अपने प्लान प्रेजेंटेशन को इंटरएक्टिव बनाना है अगर बहुत ही बेहतरीन बनाना है तो आपको अपने प्रजेंटेशन के बीच में स्टोरी जरूर सुनाना पड़ेगा।
अगर उसमें कोई छोटा सा स्टोरी नहीं है तो आपका प्रजेंटेशन बोरिंग हो जाएगा। अगर आप बिना किसी स्टोरी को आधा घंटा 45 मिनट अपने गेस्ट को प्लान दे रहे हैं और यह उम्मीद रख रहे हैं कि यह तुरंत हां बोल देगा तो यह पॉसिबल ही नहीं है।
वह आपकी बातों को सुन सुन कर बोर हो कर थक चुका होता है इसलिए तुरंत डिसीजन नहीं लेता है। वह आपके प्लान प्रेजेंटेशन सुनने के बाद यह बोलता है कि मैं बाद में सोच कर बताऊंगा।
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