Marketing Management By Philip Kotler In Hindi
दोस्तो हम आपको आज के इस आर्टिकल में मार्केटिंग से रिलेटेड फेमस book marketing management by Philip kotler के बारे में जानकारी देने वाले है फिलिप कोटलर जो इस बुक के लेखक उन्होंने मार्केटिंग पर 60 से भी अधिक बुक लिख चुके है। फिलिप कोटलर द्वारा लिखी गई मार्केटिंग मैनेजमेंट बुक मार्केटिंग के इंपोर्टेंट तथ्यो पर ध्यान में रख कर और इस पुस्तक में विभिन्न मार्केटिंग तकनीकों, समस्याओं और समाधानों, संसाधनों का यूज और मार्केटिंग के लिए नई नई तकनीकों आदि पर चर्चा की गई है। ये बुक को वे लोग जरूर पढे जो business, management और मार्केटिंग के फील्ड में अपना करियर बनाने वाले है।
फिलीप कोटलर कौन है (who is Philip kotler)
महत्वपूर्ण बिन्दू
फिलीप कोटलर ने मार्केटिंग पर कई किताबे लिखी है जिसमे से मार्केटिंग मैनेजमेंट भी शामिल है, जिसे व्यापक रूप से मार्केटिंग की “बाइबिल” माना जाता है। उन्हें आधुनिक मार्केटिंग के जनक में से एक माना जाता है और उन्होंने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। फिलीप कोटलर के अनुसार मार्केटिंग एक कार्यकारी और सामाजिक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से व्यक्तियों और समूहों को वह मिलता है जिसकी उन्हें आवश्यकता होती है और अपने निर्देशांक के साथ पीढ़ी, बलिदान और कीमती उत्पादों के आदान- प्रदान से पूछते हैं।
marketing management by Philip kotler in hindi
Philip kotler ने आपने बुक में बताया है की सभी लोग एक बिग अमाउंट में कमाने के कॉन्ट्रैक्ट में आते है जिसको हम मार्केटिंग बोल सकते है और इस डिजिटल वर्ल्ड में बहुत बड़े बड़े चेंजेज आए है तो इस टाइम पर अच्छा और सक्सेस बिजनेस वही है जो टाइम के साथ पूरी तरह से बदल रहा है और अच्छी मार्केटिंग कोई एक्सीडेंस नही है और न ही बिना की प्लान के हो जाता है जिसे हम तुक्का बोलते है मार्केटिंग कोई तुक्का नही है को लग ही जायेगा ये गलती से नही होता है इसके लिए परफेक्ट प्लान एक्सीक्यूशन और टेक्निक्स चाहिए।
इसलिए आपको समझना होगा की मार्केटिंग क्या है कैसे होता है कौन करता है और किस चीज की करना है, मार्केटिंग शब्द को हम तीन समझ सकते है market > needs > profitability मतलब की लोगो की जरूरतों और प्रोब्लेम्स का पता लगाना और फिर उन्हें उसकी प्रोब्लम को सिंपल करना वाला प्रोडक्ट प्रोडेक्ट बनाना और प्रॉफिट कमाना साथ ही साथ आपनी सर्विस से ब्रांड और कस्टमर बेस बनाना ये आर्ट और स्किलफुल मार्केटिंग एक ऐसा गेम है जो कभी खत्म नहीं होगा।
एग्जांपल के लिए हम गूगल को देख सकते है इसने लोगो को प्रोब्लम को समझा की लोगो की जानकारी चाहिए जल्द चाहिए और बिना मेहनत के चाहिए फिर गूगल ने इसका का सिंपल सॉल्यूशन दिया और सर्च इंजन ले कर आया और आज गूगल इतना सक्सेस है किसी को बताने की जरूरत नहीं है। तो ये होती है मार्केटिंग ही कहते है । मार्केटिंग किस चीज की होती है मार्केटिंग सभी चीजों की हो सकती जैसे खाने पीने का सामान, प्रोडक्ट, और सर्विस (होटल्स) लगभग सभी चीजों की हो सकती है। लोगो की मार्केटिंग होती है जैसे कोई फेमस सिंगर लाइव परफॉर्मेंस करने वाला होता है तो उसकी भी मार्केटिंग होती है। एक मार्केटर के लिए टारगेट लोग अलग अलग हो सकते है।
जैसे हम वोल्वो कार ने आपनी कार की मार्केटिंग सबसे सेफ कार के रूप में की है,अब जो हाई प्रोफाइल लोग होते है क्योंकि उनको अपनी सुरक्षा सबसे पहले है। तो वोल्वो ने आपनी ब्रांडिंग भी उसे पोजीशन पर की।
Marketing management needs, wants and demands in hindi by Philip kotler
मार्केट मैनेजमेंट में Core marketing concept के अंतर्गत need want and demands को समझेंगे की इसका क्या उपयोग होता है।
Need क्या है (what is need?)
लोगो की मुख्य जरुरते food, water, air, and shelter जिसको हम धोती,कपड़ा,मकान कहते है जिसके बिना मानव जीवन संभव नहीं है फूड यानी भोजन , वाटर यानी पानी की जरूरत, shelter का मतलब रहेने के लिए घर की जरूरत होगी।
Wants क्या है
जब कोई specific ऑब्जेक्ट जरूरत को पूरा करता है जब needs जाकर wants बनती है। यदि आपको भूख लगी है तो need आपका भोजन करना और यदि आपको इसकी जगह बर्गर पिज्जा खाना चाहे तो वो wants होगा।
Demand क्या है
जब लोग एक ही प्रोडक्ट की ज्यादा wants हो या जिसकी मांग अधिक हो उसे demand कहते है अगर हम किसी प्रोडक्ट के डिमांड को निकालना है तो कितने लोग उस प्रोडक्ट को चाहते है और कितने उस प्रोडक्ट को buy करते है ये दोनो देखना है।
डिमांड को पूरा समझने के लिए हम मर्सिडीज कार का एग्जांपल लेते है
अब यह wants तो यह अधिक लोगो की है अब मर्सिडीज के marketer को डिमांड कैलकुलेट करना है तो वे wants को भी कैलकुलेट करेंगे लेकिन रियल में जितने लोग लोग उसे buy कर पाते है उतने ही लोग को ध्यान में मार्केटर रख कर उतने ही लोगो को टारगेट किया जायेगा। marketer के लिए needs और demand ye दोनो के बेसिस पर बिजनेस की प्लानिंग और स्टेट्रीज के हेल्पफुल होते है।
Marketer कभी भी किसी की needs को जेनरेट नही सकता अब जैसे आपको भूख लगी तो भोजन ये need है यह भूख को कोई भी marketer जेनरेट नही कर सकता। अगर आप फूड इंडस्ट्रीज में है तो आप उस तक आप पहुंच तो जाएंगे लेकिन उसको भूख है या नहीं ये वो डिसाइड करेगे । अगर आप किसी भी फील्ड का कोई प्रोडक्ट बनाते है उसके needs और को जरुरत को समझ कर प्रोडक्ट बनाए जब need नही होगी तो उसको फेल होना तय है।
marketing Types Of Need
कई बार ऐसा होता है की कस्टमर आपनी needs को पूरा पता नही होता है या बता नही पाते एग्जाम के लिए यानी आपके आप सेलर है तो आपके पास एक कस्टमर आता है मुझे inexpensive car चाहिए तो आप उसे 5 लाख की कार दे दिया। वो सैटिस्फाइड नही होगा, यह पर उस कस्टमर के लिए inexpensive का मलतब सस्ती कार नही हुआ इसलिए need 5 टाइप्स की होती है।
1.Stated need
यहां उस कस्टमर के जो आपका बताया की मुझे inexpensive कार चाहिए ये Stated Need हो गया।
2.Real need
यहां वो कस्टमर ये चहेता है की कार में 4×4 हो और फिचर्स अच्छे हो और माइलेज अधिक हो ये उसकी रियल need हो गईं
3.Unstated need
यहां वो कस्टमर ये भी चाह रहा कि सेलर उससे अच्छे से बात करे और उसके सभी डाउट के दूर करे और वो चहेता है कि कार की डिलीवरी उसको जल्द मिले। ये उसकी unstated need हैं।
4.Delight need
Customer ये भी चाहे रहा है कि उसको 4-6 कार की सर्विसेज free में दी जाए। ये उसको डिलाइट need है।
5.Secret need
इसमें कस्टमर ये भी चहेता है की उसके friends और रिलेटिव उसको ये न कहे की तुम ये कार लेकर फस गए उसको वो चालक बताए की उसने अच्छा डील किया है।
मार्केटिंग मैनेजमेंट में STP क्या है क्यों जरुरी है
Philip kotler एक मार्केटिंग विशेषज्ञ हैं जिन्होंने Marketing के विभिन्न पहलुओं को बताया है। STP ka मतलब segmentation, Targeting और positioning होता है। आगे हम इसके बारे में चर्चा करेंगे। Market segmentation एक बड़ा बाजार होता है जो समान जरूरतों या फिर विशेषताओं वाले कोस्टोमर्स के छोटे समूहों या खंडों में विभाजित करने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है। मार्केट को अलग करके, बिजनेस सबसे अधिक प्रॉफिटेबल फील्ड की पहचान कर सकते हैं और ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
कोटलर ने विभिन्न मानदंडों की भी पहचान की है जिनका उपयोग बाजार को अलग करने के लिए किया जा सकता है, जैसे जनसांख्यिकीय कारक यानी की आयु जेंडर, आय psychographic segmentation में हर पर्सन की सोच अलग होती है इसलिए कंपनी आपनी मार्केट प्लान लोगो की लाइफ स्टाइल, पर्सनालिटी आदि के हिसाब अन्य भाग में बटती है। ज्योग्राफिक सेगमेंट में लोगो की जगह जैसे देश के अनुसार इंडियन मार्केट, us market, china market के अनुसार अलग मार्केट में बाटा जाता है क्योंकि सभी लोगो को समझना होगा तब ही आप अच्छी मार्केटिंग कर पाएंगे। Marketing Management में STP का बहुत बड़ा रोल है
Targeting क्या है by Philip kotler
जब आप मार्केट को अलग (सेगमेंट) भाग में बाट देते है तो आपको पता चलेगा किस (फील्ड) सेगमेंट में स्कोप है या सबसे ज्यादा opportunity है फिर आप उसी सेगमेंट का पीछा करने लगते है उसी को टारगेटिंग कहते है।
अगर आप एप्पल एक प्रोडक्ट को देखे की उस कंपनी ने हाई क्लास लोग को टारगेट करता है जिनके पास ज्यादा पैसे हो, जिनके पास पैसे ज्यादा होते है वो आपनी प्राइवेसी को सबसे आगे रखते है और उन्ही लोग को एप्पल आपने आईफोन बेचता है और हाई प्रॉफिट कमाता है। सभी कंपनी इसका उपयोग करती है जैसे valvo कंपनी ने आपनी मार्केटिंग सुरक्षित कर के रूप में की है और उन्ही लोगो को टारगेट किया है।
Positioning क्या है
फिलिप कोटलर आपनी बुक मार्केटिंग मैनजमेंट में बताया है कि पोजीशनिंग का सिंपल मतलब की आपको आपने कस्टमर के मांइड में आपने प्रोडक्ट को स्टैंड करना है। या उनके सामने कुछ ऐसे प्रेजेंट करना है की उनके मांइड में आपके प्रोडक्ट की इमेज बन जाए।
Positioning के एग्जांपल
इसका एग्जांपल में हम आज आपनी लाइफ में देखते है आप ने ये अनुभव किया होगा की आप toothpaste को मार्केट में क्या बोलते है इसका उत्तर आपको भी पता होगा की हम उससे कोलगेट बोलते है क्योंकि कोलगेट कंपनी आपने प्रोडक्ट को अच्छी तरह से हमारे माइंड में पोजीशन किया है दुकान पर जाते है ही हम टूथपेस्ट को कोलगेट के नाम से ही बोलते है।
Important fact about form Philip kotler the father of modern Marketing
- कागज पर युद्ध जितने से पहले युद्ध के मैदान में कभी नहीं जाना चाहिए, अच्छी न्यूज आपके लिए यह है कि आप 1 hour में marketing सिख सकते है लेकिन उसको सही करने में आपको पूरी लाइफ लग जायेगी।
- Marketing जो आप करते है उन्हे प्रदर्शन करने के लिए सरल उपाय खोजना कला नही है मार्केटिंग आपके कस्टमर के सामने रियल वैल्यू बनाने और उन्हे अच्छा बनाना में हेल्प करता है मार्केटिंग में मुख्य कीवर्ड क्वालिटी, सर्विस,और वैल्यू है
- सेल्स डिपार्टमेंट पूरी कंपनी नही है बल्कि पूरी कंपनी ही सेल्स department होना चाहिए
- सबसे अच्छा विज्ञापन संतुष्ट कस्टमर का गठन कार्य है।
- सफल सेलर फर्स्ट क्लाइंट और उत्पात के बारे में चिंतित होते है न की प्रॉफिट पर।
- मार्केटिंग एक फिनिश लाइन के बिना रेस है।
- आज एक ही जगह पर बने रहने के लिए रफ्तार तेज करनी पड़ती।
Conclusion: marketing management by Philip kotler in hindi
इस पोस्ट में फ्रेंड्स आज फिलिप कोटलर की बुक मार्केटिंग मेनेजमेंट की इंपोर्टेंट फैक्ट को बताया है कि philip kotler कौन है, उनकी बुक Marketing management in hindi, और needs wants and demands ke साथ ही सेगमेंशन, टारगेटिंग और पोजीशनिंग क्या है by Philip kotler इनको डिटेल में बताए गया है। जो की मार्केटिंग के लिए बहुत जरूरी होता है। अगर आपको और भी डिटेल्स में इस बुक की जानकारी चाहिए तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर टाइप करें
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हे दोस्तों, मेरा नाम गोविन्द है में इस ब्लॉग का फाउंडर और सीनियर एडिटर हूँ। मैं By Profession ऑटोमोबाइल इंजीनियर हूँ और By Passion डिजिटल मार्केटिंग और ब्लॉग्गिंग करता हूँ जो की मेरा शौक है।
मेरे शौक के बारे में – मुझे सोशल मीडिया, डिजिटल मार्केटिंग, इंटरनेट, कंप्यूटर और इंजीनियरिंग कला में रुचि है। मैं हमेशा कुछ नया सीखने की कोशिश करता हूं, क्योंकि अगर आपके पास ज्ञान है कुछ नया कर सकते हैं।
“मंजिल तो मिल ही जाएगी, भटक के ही सही, गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं”
” be the best version of yourself”
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