ब्रेकिंग न्यूज़ 🔥 2022 से चीन, भारत में सस्ते सामान नहीं बेच पायेगा जानिए क्या है वजह
हाल ही में भारत के द्वारा चीन से प्राप्त होने वाली पांच सामानों के ऊपर एंटी डंपिंग ( Anti Dumping ) शुल्क लगा दी गई है।
एंटी डंपिंग ड्यूटी क्या होता है ? What is Anti Dumping Duty?
महत्वपूर्ण बिन्दू
भारत के व्यापार उपचार के महानिदेशक ( Director General of Trade Remedies ) यह देखते हैं कि चीन भारत से व्यापार में कहीं गलत साधन का तो प्रयोग नहीं कर रहा है।
उनका कहना है कि ऐसा कैसे हो सकता है कि वह हमको निर्यात इतनी ज्यादा और आयात इतना कम करता है। जिससे वह हमसे इतनी ज्यादा मुनाफा कमा रहा है और हम इतने घाटे में चल रहे हैं।
इसके बारे में जब पता लगाया गया तो यह बात सामने आई कि भारत के द्वारा किए जा रहे व्यापार में चीन धोखाधड़ी कर रहा है। उसने चीटिंग करने के लिए कुछ ऐसा काम किया है कि जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे।
वह अपनी कुछ सामानों को जो उसके यहां पर 10 रूपये का बिक रहा था वह हमारे यहां उसे आधे दाम 5 रूपये मे ही बेच दे रहा था।
चीन के इस चीटिंग को हमारे यहां के DG ने पकड़ लिया और कहा कि देखो यह सामान तुम्हारे यहां तो इतने की बिकती है और तुम हमें उसकी आधे दाम में दे रहे हो। ऐसा करके आप हमारे यहां की कंपनी को आगे बढ़ने देना ही नहीं चाह रहे हैं।
इस तरह की व्यापारिक नीति को देखकर भारत सरकार ने कहा कि चलिए कोई बात नहीं। हमारे यहां पर आप कोई सामान या तो जहाज से या पानी की जहाज से ही भेजेंगे। इन दोनों ही पोर्ट पे कस्टम विभाग खड़ा होता है। जिन से कहा गया कि आप इनके यहां से आ रही सामानों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दीजिए।
जब कस्टम ड्यूटी बड़ाई जाएगी तो वह सामान भारतीय बाजारों में अपने आप ही महंगी हो जाएंगी। जिससे चाइनीस सामान भारतीय सामानों के बराबर हो जाएंगी या फिर बीक ही नहीं पाएंगे। ऐसा होने से भारत में बने सामानों की बिक्री बढ़ जाएगी। इस प्रकार से पोर्ट पर बढ़ाई गई कस्टम ड्यूटी को ही एंटी डंपिंग ड्यूटी कहां जाता है।
भारत के द्वारा किन चाइनीज सामानों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाया गया है ?
चीन से आने वाली 5 उत्पादों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी 5 साल के लिए लगाया गया है। इनमें एलुमिनियम के कुछ फ्लैट रोल्ड उत्पाद, सोडियम हाइड्रोसल्फाइट, सिलिकॉन सिलेंट, हाइड्रोफ्लोरो कार्बन कंपोनेंट आर-32 और हाइड्रोफ्लोरो कार्बन का मिश्रण शामिल है।
एंटी डंपिंग ड्यूटी कौन लगाता है ? Who imposes Anti Dumping Duty?
एंटी डंपिंग ड्यूटी व्यापार उपचार के महानिदेशक ( Director General of Trade Remedies ) के द्वारा लगाया जाता है। यह वाणिज़़य़ मंत्रालय़ ( Ministry of Commerce ) के अधीन आता है। जो व्यापार ( आयात और निर्यात ) के अंदर होने वाली समस्याओं को दूर करता है।
अप्रैल से सितंबर के तक चीन और भारत के बीच कितने का व्यापार हुआ है ?
अप्रैल 2021 से सितंबर 2021 तक भारत और चीन के बीच जो व्यापार हुआ है उसमें भारत 42.33 बिलियन डॉलर का आयात एवं 12.26 बिलियन डॉलर का निर्यात किया है। भारत को इसमें 30.07 बिलियन डॉलर का घाटा हुआ है।
क्या चाइनीज सामान भारतीय बाजारों में बिकना बंद हो जाएगा ?
एंटी डंपिंग ड्यूटी बढ़ाए जाने से भारतीय बाजारों में चाइना का माल बिकना अभी बंद नहीं हो होगा। भारत सरकार का कहना है कि अगर आपको भारत में माल बेचना है तो बेचिए, हम आपको भारतीय बाजारों में सामान बेचने से नहीं रोक सकते है। लेकिन अगर आपको समान बेचना ही है तो जो समान भारतीय बाजार में जिस रेट पर बिक रहा है उसी रेट पर ही बेचीए। हम आपको सस्ते दामों पर व्यापार करने की इजाजत नहीं देते हैं।
शुल्क तथा व्यापार पर सामान्य समझौता ( General Agreement on Tariffs and Trade ) GATT क्या है?
आज दुनिया में जितने भी व्यापार होते हैं उनमें कुछ शर्तें होती हैं। जिनका व्यापारिक निर्णय 1945 में बनाई गई एक संस्था, शुल्क तथा व्यापार पर सामान्य समझौता ( General Agreement on Tariffs and Trade ) द्वारा लिया जाता था। जिसे शॉर्टकट में हम GATT कहते हैं।
जिनका निर्माण द्वितीय विश्व युद्ध में हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए बनाया गया था। GATT पर 30 अक्टूबर 1947 को 23 देशों ने अपने हस्ताक्षर किए थे। यह 1 जनवरी 1948 को लागू कर दिया गया था।
GATT का नाम बदल कर ही इस समय ( WTO ) किया गया है क्या ?
GATT आगे चलकर 1995 में विश्व व्यापार संगठन World Trade Organization ( WTO ) में बदल गया। आज विश्व व्यापार संगठन World Trade Organization ( WTO ) का मुख्यालय जेनेवा में है। WTO की पहली महिला महानिदेशक नगोजी ओकोंजो-इवेला (Ngozi Okonjo-Iweala) है, जो अफ्रीकी मूल की महिला है। जिन्होंने हाल ही में अमेरिका की नागरिकता ली है।
विश्व व्यापार संगठन World Trade Organization ( WTO ) क्या अधिकार देता है ?
WTO कहता है कि यदि कोई देश उसके साथ व्यापार करने में किसी भी प्रकार का चालाकी करता है तो उसे यह अधिकार है कि वह किसी देश से आ रही सामानों की जांच करेगा और उस पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाएगा।
चीन भी इसका विरोध नहीं कर सकता है क्योंकि वह भी WTO का सदस्य है। उसे यह भी पता है कि वह इस तरह का व्यापार करके गलती कर रहा है।
प्रतिकारी शुल्क Countervailing Duty क्या है ? Countervailing Duty What is Countervailing Duty?
पूरी दुनिया में अगर किसी वस्तु का दाम गिराना है तो वहां की सरकार उस वस्तु पर कुछ सब्सिडी देकर उसके दाम गिरा देती है। लेकिन यहां पर हम आपको बता दें कि इस पर भी नजर रखने के लिए व्यापार उपचार के महानिदेशक ( Director General of Trade Remedies ) बैठा हुआ है।
जब यह देखा जाता है कि कोई देश इस तरह की चलाकी कर रहा है तो वह उस पर एंटी डंपिंग ड्यूटी न लगाकर उस पर प्रतिकारी शुल्क Countervailing Duty लगा देता है। जबकि वहां की सरकार इसे किसी वस्तु पर होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए सब्सिडी के रूप में देती है।
1945 में 2 बड़े बैंकों का भी निर्माण किया गया था। जिसमें
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ( International Monetary Fund – IMF. )
- पुनर्निर्माण और विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय बैंक- ( International Bank for Reconstruction and Development )
विश्व व्यापार संगठन World Trade Organization ( WTO ) का मुख्यालय का मुख्यालय कहां है ?
विश्व व्यापार संगठन World Trade Organization ( WTO ) का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जेनेवा में है।
GATT कब लागू किया गया था ?
GATT 1 जनवरी 1948 को लागू किया गया था।
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