बकरी पालन का बिज़नेस कैसे शुरू करें | शेड बनाने का तरीका
बकरी पालन एक ऐसा business है जिसे हर कोई कर सकता है। इस business को करने के लिए किसी तकनीकी ज्ञान की जरूरत नहीं होती है। अगर आप भी सोच रहे हैं कि bakri palan business kaise kare तो इस business को आप दो प्रकार से कर सकते है एक छोटे स्तर पर और दूसरा बड़े स्तर पर।
अगर आप छोटे स्तर पर goat farming business को शुरू करना चाहते हैं तो आप इस business को low investment मे शुरू कर सकते हैं।
वहीं अगर आप बड़े स्तर पर goat farming business शुरू करते हैं तो आपको बड़ी लागत लगानी पड़ेगी इसके लिए आपके बटुवे मे मोटी रकम होनी चाहिए।
बकरी पालन बिजनेस क्यों करें?
महत्वपूर्ण बिन्दू
यहाँ मै आपको कुछ ऐसे कारण बता रहा हूँ जिसके वजह से आपको बकरी पालन बिज़नस करना चाहिए-
1. कम जगह की जरूरत
अगर आप कोई business start करना चाहते हैं और आपके पास बहुत ज्यादा जमीन नहीं है तो बकरी पालन एक ऐसा business है जिसे आप कम जगह मे भी शुरू कर सकते हैं। एक गाय या भैस को रखने के लिए जितने जगह की जरूरत होती हैं उतने जगह मे आप 5 से 7 बकरी पाल सकते हैं।
2. बकरी के भोजन की दिक्कत नहीं
अगर आपके पास बकरी को खरीदकर खाना खिलाने के लिए पैसे नहीं हैं तो आप बकरियों को खुले मे ले जा सकते हैं। इस तरह आपको बकरी के लिए भोजन की tention लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी आप tension फ्री रहेगे।
3. बकरियों मे बीमारी दर कम होना
आमतौर बकरियाँ अन्य पशुओ की तुलना मे बहुत कम बीमार पड़ती है। बकरियों मे अनुकूलन क्षमता काफी अच्छी होती है जिससे बकरी अपने आपको विभिन्न मौसम के अनुसार ढाल लेती हैं। बकरियों मे बीमारी कम होगी तो आपके इनके स्वास्थ्य पर पैसे खर्च नहीं करना पड़ेगा।
4. बकरी के विभिन्न उपयोग
बकरी का दूध तो लोग पीते ही हैं साथ ही इसके खाल और मांस की भी बाजार मे उतनी ही मांग है। मांस का उपयोग खाने के लिए किया जाता है तो वहीं खाल का उपयोग विभिन्न वाद्य यंत्र बनाने मे किया जाता है।
5. low investment मे शुरू कर सकते हैं
यह एक ऐसा business है जिसे आप low investment मे भी शुरू कर सकते हैं। औसतन एक बकरी साल मे 1-2 बच्चे जन्म देती हैं। जितने बकरियों से आप इस business की शुरुआत करेगे अगले साल तक मे आपके पास उसके दुगना-तिगुना बकरियाँ हो जाएगी।
6. आसान business idea
बकरी पालन का business अन्य business की तुलना मे काफी आसान। बस बकरियों को तैयार करना और जब तैयार हो जाए तो खरीददार को बढ़िया कीमत पर बेच देना।
7. बहुत ज्यादा मार्केटिंग की जरूरत नहीं
बकरी से प्राप्त होने वाले उत्पादों (दूध ,मांस ,खाल आदि ) की मार्केट मे बहुत अच्छी demand है। जरूरत मंद लोग आपके फर्म से बकरियाँ खरीदने के लिए खुद-ब-खुद आएगे। आप चाहे तो इसकी मार्केटिंग भी कर सकते हैं।
बकरी पालन Business कैसे करे?
चाहे आप छोटे स्तर पर बकरी पालन करना चाहते हों या बड़े स्तर पर इसके लिए आपको बकरी के विभिन्न नस्लों की जानकारी होनी चाहिए ताकि उनमे से अपने business के लिए सही नस्ल का चयन कर सके-
बकरियों की कौन-कौन सी नस्ल होती है?|Bakri Palan Ki Jankari
वैसे तो बकरी की कई सारी नस्ल होती हैं लेकिन व्यापारिक तौर पर केवल 20 नस्ल ही गिने जाते हैं। इन 20 नस्लों मे से कुछ प्रमुख नस्ल की जानकारी इस प्रकार है –
1. जमुनापरी बकरी :
उपयोग– इस नस्ल की बकरी का इस्तेमाल दूध के लिए किया जाता है। जमुनापरी बकरी अन्य नस्ल की बकरियों की अपेक्षा काफी अच्छा दूध देती हैं।
पाया जाने वाला स्थान– यह बकरी आमतौर पर उत्तरप्रदेश मे पाई जाती हैं।
गर्भधारण अवधि- इस नस्ल की बकरी मे 18 महीने मे ही गर्भधारण करने की क्षमता आ जाती है।
प्रजनन क्षमता-यह बकरी साल मे एक ही बार बच्चे पैदा करती हैं तथा जुड़वा बच्चे पैदा होने की संभावना बहुत कम होती हैं। goat farming business plan
दूध देने की क्षमता- जमुनापुरी नस्ल के बकरी मे औसतन प्रतिदिन 2 लीटर दूध देती है। आमतौर पर यह 3 से 3.5 महीने तक दूध देती है। बकरी पालन कैसे करे इन हिन्दी
वजन – इस नस्ल का बकरा तैयार हो जाने पर इसका वजन 50-60 किलोग्राम हो जाता है। और बकरी का वजन 40-50 किलोग्राम होता है। i palan kaise karen
बाजार भाव– जमुनापरी नस्ल के बकरे की कीमत 300 रूपये/किलो ग्राम और बकरी की कीमत 400 रूपये/किलो ग्राम है। बकरी पालन कैसे करे इन हिन्दी
2. अफ्रीकन बोर:
उपयोग- इस नस्ल की बकरी का उपयोग मांस के लिए किया जाता है। इस नस्ल के बकरी की सबसे बड़ी विशेषता है कि कम समय मे ही इसका वजन बहुत अधिक हो जाता है। goat farming business plan
पाया जाने वाला स्थान-यह बकरी अफ्रीकन नस्ल की है जो मुख्य रूप से अफ्रीका मे पाई जाती है। इस नस्ल की बकरी को india मे भी पाला जाता है। goat farming business plan
प्रजनन क्षमता- अफ्रीकन बोर नस्ल की बकरी आमतौर पर जुड़वा बच्चे पैदा करती है।
वजन- इस नस्ल की बकरी का वजन 3 महीने मे 12-18 kg होता है 6 महीने मे 18-30 kg और पूर्ण रूप से तैयार हो जाने पर इनका वजन बकरे का वजन 75-90 kg और बकरी का वजन 45-55 kg का हो जाता है।कुल मिलाकर कहे तो अन्य नस्ल के बकरियों की तुलना मे इनका वजन बहुत जल्दी बढ़ जाता है।
बाजार भाव– इस नस्ल के बकरे की कीमत 350 रूपये/किलो ग्राम से 1,500 रूपये/किलो ग्राम तथा बकरियों की कीमत 700 रूपये/किलो ग्राम से 3,500 रूपये/किलो ग्राम तक की होती है.
3. बीटल बकरी:
उपयोग- इस नस्ल के बकरी का उपयोग भी दूध के लिए किया जाता है। जमुनापरी के बाद दूध देने के मामले मे इस नस्ल की बकरी को काफी अच्छा माना जाता है। bakri palan kaise karen
पाया जाने वाला स्थान- यह बकरी सामान्यतः पंजाब और हरियाणा मे पाई जाती है।
गर्भधारण अवधि- इस नस्ल की बकरी आमतौर पर 23-25 महीने मे गर्भधारण करती है।
प्रजनन क्षमता- इस नस्ल की बकरी मे जुड़वा बच्चे पैदा करने की संभावना काफी ज्यादा होती है।
दूध देने की क्षमता- ये बकरी 6 महीने तक 1.5-2.5 लीटर दूध देती है। goat farming business plan
वजन- परिपक्व हो जाने पर इस नस्ल के बकरे का भार 50-65 kg तक हो जाता है वहीं बकरी का भार 40-45 kg होता है।goat farming business plan
बाजार भाव- बीटल नस्ल के बकरे की कीमत 200 रूपये/किलो ग्राम और बकरी की कीमत 250 रूपये/किलो ग्राम है। goat farming business plan
4. सिरोही बकरी
उपयोग- इस बकरी का उपयोग आमतौर पर दूध उत्पादन के लिए किया जाता है लेकिन यह मांस के लिए भी काम मे लाया जा सकता है। goat farming business plan
पाया जाने वाला स्थान-इस नस्ल की बकरी राजस्थान के सिरोही जिले मे पाई जाती है।
गर्भधारण अवधि- इस नस्ल की बकरी 20-22 महीने मे गर्भधारण करने के योग्य हो जाती है।
प्रजनन क्षमता- इस नस्ल की बकरी साल मे दो बार बच्चे पैदा करती हैं। ये बकरियाँ एक बार मे 1-5 बच्चे पैदा करने का सामर्थ्य रखती है। goat farming business plan
दूध देने की क्षमता- इस नस्ल के बकरी की दूध देने की क्षमता प्रतिदिन केवल आधा लीटर रह है।
वजन- इस नस्ल के बकरियों का भार बकरों से अधिक होता है। जब बकरियाँ परिपक्व हो जाती हैं तो उनका भार 32kg और बकरों का भार 30 kg तक होता है। goat farming business plan
5. शिरोई बकरी :
उपयोग- शिरोई नस्ल की बकरी का उपयोग दूध और मांस दोनों के लिए किया जाता है।
पाया जाने वाला स्थान- यह बकरी राजस्थानी नस्ल की है। और ज़्यादातर राजस्थान मे पाई जाती है।
प्रजनन क्षमता- इस नस्ल की बकरी साल मे 2 बार बच्चे पैदा करती है। इस नस्ल की बकरी मे जुड़वा बच्चे पैदा करने की संभावना ज्यादा होती है।
बाजार भाव- इस नस्ल के बकरे की कीमत 325 रूपये/किलो ग्राम और वहीं बकरी की कीमत 400 रूपये/किलो ग्राम होती है।
6. ओस्मानाबादी:
उपयोग- इस नस्ल के बकरी का इस्तेमाल दूध और मांस के लिए दोनों के लिए ही किया जाता है।
पाया जाने वाला स्थान– यह बकरी महाराष्ट्र मे पाई जाती है।
प्रजनन क्षमता – इस नस्ल की बकरी साल मे दो बार बच्चे पैदा करती है तथा एक बार मे 2-3 बच्चो को जन्म देती है।
बाजार भाव– ओस्मानाबादी बकरे की कीमत 260 रूपये/किलो ग्राम और बकरी की कीमत 300 रूपये/किलो ग्राम तक होती है।
7. ब्लैक बंगाल
उपयोग- ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरी का पालन प्रमुख रूप से मांस की आपूर्ति के लिए किया जाता है।
दूध देने के मामले मे काफी अच्छी नहीं होती है।
पाया जाने वाला स्थान- इस नस्ल की बकरी प्रमुख रूप से बंगाल मे पाई जाती है लेकिन इसका पालन भारत के पूर्वी राज्यों जैसे कि बिहार ,उड़ीसा आदि जगहों मे किया जाता है।
प्रजनन क्षमता- इस नस्ल की बकरी साल मे दो बार प्रजनन का करने की क्षमता रखती हैं। और हर बार 2-3 बच्चों को जन्म देती हैं।
वजन- इस नस्ल के बकरे जब परिपक्व हो जाते हैं तो इनका भार 25-30 kg हो जाता है वहीं बकरी का भार 20-25 kg होता है।
इसके अतिरिक्त बकरियों के निम्न नस्ल होते हैं-
- बर्बरी
- सुरति
- झाकरण
- सोजत
- तोतापरी
- कोटा
- गुजारी
बकरी पालन के लिए सही नस्ल का चुनाव कैसे करें?
किस नस्ल की बकरी का पालन करना चाहिए यह आपसे अच्छा कोई नहीं जान सकता है। बकरी के नस्ल का चुनाव इस बात पर निर्भर करता हैं कि आप किस मकसद से इस business को करना चाहते हैं?
हो सकता है कि आप दूध बेचने के लिए बकरी पालन करे ,या मांस बेचने के लिए या फिर दोनों के लिए बकरी पालन का business को करें।
बकरी पालन के लिए सही नस्ल का चुनाव इन्ही बातों पर निर्भर करता हैं।
अगर आप दूध बेचने के लिए बकरी पालन करना चाहते हैं तो फिर आपको मेहसाना, सुरती, मालाबारी, जखराना इत्यादि किस्म के बकरियों का चुनाव करे।
और अगर आप मांस बेचने के लिए बकरी का पालन करना चाहते हैं तो बंगाल गोट, असम हिल गोट इत्यादि नस्ल की बकरियों का चयन करे। साथ ही आपको ऐसी नस्ल का चयन करना चाहिए जो आपके एरिया के वातावरण के हिसाब से खुद को आसानी से ढाल सके।
बकरी कहाँ से खरीदे?
गोट farming business का प्रमुख माल बकरी है इसके लिए आपको बकरी खरीदने की जरूरत पड़ेगी
बकरियाँ आप अपने नजदीकी form से खरीदे क्योकि जब तक bulk requirement मे न हो किसी अन्य राज्य से बकरियाँ खरीदना , transport cost लगाकर काफी मंहगी पड़ सकती हैं ।
यहाँ पर मै अगल-अलग राज्य के लिए अलग-अलग बकरी विक्रेता का contact number और whatsapp number दे रहा हूँ आप उनसे सीधे संपर्क कर सकते हैं और बकरी खरीद सकते हैं-
अगर आप राजस्थान से हैं तो बकरी खरीदने के लिए आप इनसे संपर्क कर सकते हैं-
बकरी पालक का नाम | jay toshik |
पता | Rajasthan goat farm ajmer |
फोन नंबर | 9610013421 |
4783341533 | |
फॉर्म मे उपलबद्ध बकरियों की नस्ल | 1. सीहोरी 2. सोजत 3. बीटल 4. बरबरी 5. तोतापरी |
इसके अतिरिक्त राजस्थान के ही एक और बकरी विक्रेता हैं। बकरी खरीदने के लिए आप इनसे भी संपर्क कर सकते हैं।
बकरी पालक का नाम | Amrit toshik |
पता | Rajasthan,ajmer |
फोन नंबर | 9828643308 या 9887579221 |
फॉर्म मे उपलबद्ध बकरियों की नस्ल | 1. सीहोरी 2. सोजत 3. तोतापरी 4. कोटा 5. गुजारी 6. झाकरण |
अगर आप north india से हैं तो बकरी खरीदने के लिए आप इनसे संपर्क कर सकते हैं-
बकरी पालक का नाम | vivek singh |
ब्रांड नाम | R.V. Goat Point |
पता | बाराबंकी ,उत्तरप्रदेश |
फोन नंबर | 9919902906 |
फॉर्म मे उपलबद्ध बकरियों की नस्ल | इनके form मे आपको बरबरी नस्ल की नर ,मादा और छोटे बकरी के बच्चे मिल जाएगे। |
अगर आप झारखंड के रहने वाले हैं तो बकरी खरीदने के लिए आप इनसे संपर्क कर सकते हैं-
बकरी पालक का नाम | शशि भूषण |
ब्रांड नाम | झारखंड बकरी फार्म |
पता | गोविंदपुर, धनबाद, झारखंड |
फोन नंबर | 9905274413 |
बकरी पालन के लिए स्थान कैसा होना चाहिए
बकरी पालन के लिए प्रदूषण मुक्त , साफ-स्वच्छ और हवादार जगह का चुनाव करना चाहिए। इसके लिए शहर से दूर ग्रामीण इलाके मे या किसी चरागाह के आसपास goat farming business करना ज्यादा अच्छा रहेगा।
बकरी पालन के लिए एक अच्छे स्थान का चयन निम्न बिन्दुओ के आधार पर किया जा सकता है –
- शुद्ध हवा- जहां पर आप बकरी के लिए शेड बनाना चाहते हैं वहाँ शुद्ध हवा होना चाहिए।
- पानी की व्यावस्था- संबन्धित स्थान मे बकरियों के पीने के लिए शीतल जल की व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही बकरियों के रोजाना के मल-मूत्र को साफ करते रहने के लिए भी पानी की जरूरत होगी।
- चारा उगाने लायक जमीन-बकरियों को खुले मे चरने मे खूब मजा आता है और इससे उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। इसलिए जिस जगह पर बकरी पालन करने की सोच रहे हैं वहाँ पर चारा उगाने के लायक जमीन होना चाहिए। बकरी पालन
- पशुचिकित्सा की सुविधा- जहां पर आप goat farming business करना चाहते हैं वहाँ पशुचिकित्सा की सुविधा होनी चाहिए। यदि कभी अचानक किसी बकरी की तबीयत खराब हो जाये तो तुरंत इलाज कराया जा सके।
- यातायात की सुविधा-बाजार से बकरियों के लिए दाना या चारा लाने के लिए यातायात या सड़क की सुविधा होनी चाहिए। जिससे आप बस या खुद के साधन से मार्केट से घूमकर जल्दी आ सके।
बकरी पालन के लिए शेड बनाने का तरीका
चयनित स्थान पर आपको बकरियों के लिए शेड बनवाना होगा। इस काम को आप खुद भी कर सकते हैं।
बकरियों के लिए शेड बनाने का मुख्य रूप से 2 तरीके हैं-
एक तो आप जमीन से थोड़ा ऊपर शेड का निर्माण कर सकते हैं या फिर जमीन पर ही शेड बनवा सकते हैं
दोनों के ही अपने अलग-अलग फायदे और नुकसान हैं।
अगर आप जमीन पर शेड बनवाते हैं तो इसका फायदा यह है कि आप बहुत अधिक खर्चे से बच जाएगे।
वहीं दूसरी ओर इसके नुकसान की बात करे तो अगर आप किसी ऐसे इलाके से संबंधित है जहां आमतौर पर सर्दी रहती है तो ऐसे मे आपके बकरियों के बीमार होने के chances काफी बढ़ जाते हैं। जिससे आपको बकरियों के स्वास्थ्य की देख-रेख मे पैसे खर्च करने पड़ेगे।
लेकिन अगर आप जमीन कुछ ऊपर शेड बनवाते हैं तो आपकी बकरियाँ कई बीमारियों से बच जाएगी। फलस्वरूप उनके स्वास्थ्य पर खर्च नहीं आयेगा और सालाना आपका काफी पैसा बच जाएगा ।किन्तु इसके लिए आपको थोड़े ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेगे।
अगर आप जमीन के ऊपर शेड का निर्माण करने की सोच रहे हैं तो शेड का निर्माण करते समय इसकी ऊचाई कम से कम 10 फुट रखें।
बकरियों का शेड कैसा होना चाहिए
बकरियों के रहने के स्थान मे शेड के अंदर निम्न चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए-
- नमी रहित जमीन- बकरियों के स्वास्थ्य के लिहाज से यह महत्वपूर्ण बात है कि बकरियों का शेड का जमीन नमी रहित होनी चाहिए।
- कीट-पतंग मुक्त जगह- बकरियों के शेड मे किसी भी तरह के कीट-पतंग आदि नहीं होनी चाहिए। जाने अंजाने मे किसी वजह से किसी बकरी को कोई घाव हो जाता है तो ये कीट उनके घाव मे नमक छिड़कने का काम कर सकते हैं।
- पानी निकास की व्यवस्था- बकरियों के शेड मे पानी निकास की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि साफ-सफाई के दौरान एकत्र मल-मूत्र आदि को आराम से बाहर निकाला जा सके। शेड के अंदर कहीं पर भी मल-मूत्र जमा न होने पाये अन्यथा इनमे मच्छर पनप सकते हैं। अथवा इनसे तीक्ष्ण दुर्गंध भी आ सकता है।
- संतुलित तापमान- सर्दियों मे गर्मी की जरूरत होती है और वहीं गर्मी मे ठंडक की जरूरत होती है इसलिए शेड के तापमान को संतुलित बनाए रखने के लिए electronic चीजों का सहारा ले सकते हैं जिनके मदद से तापमान को कम ज्यादा किया जा सकते हैं।
बकरी पालन करने के लिए कितने स्थान की आवश्यकता होगी?
बकरी पालन के लिए कितने जगह की जरूरत होगी यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने बकरियों से इस business को शुरू करना चाहते हैं।
अगर एक बकरी के लिए 20 वर्ग फीट स्थान की जरूरत पड़ती हैं तो 20 बकरियों के लिए 400 वर्ग फीट स्थान की जरूरत पड़ेगी और बकरी के एक बच्चे के लिए कम से कम 5 वर्ग फीट जगह लेकर चले तो
इस हिसाब से 20 बकरी ,2 बकरे और 10 मेमने (बकरी के बच्चे) के आवश्यक जगह का विवरण इस प्रकार आता है- बकरी पालन
20 बकरी के लिए =400 वर्ग फीट
2 बकरे के लिए =40 वर्ग फीट
10 मेमने के लिए =10×5 =50 वर्ग फीट
कुल आवश्यक जगह =400+40+50=490 वर्ग फीट
नोट- बकरे ,बकरियों की संख्या आप अपने इच्छा के अनुसार कम ज्यादा कर सकते हैं। goat farming business के लिए आवश्यक जगह का हिसाब लगाने के लिए यह केवल एक छोटा-सा idea है।
बकरियों मे होने वाले रोग कौन-से हैं। इसका निवारण और वैक्सीनेशन कैसे करें?
आमतौर पर बकरियों को निम्न बीमारियाँ होती है-
1. पाँव और मुँह के रोग (एफएमडी)- पाँव और मुँह के रोग को खुरपका और मुहंपका रोग के नाम से भी जानते हैं। बकरियों मे ये रोग होने पर मुहं के हिस्सों जैसे कि जीभ, होठ, गाल, तालू और मुहं के अन्य भागों में फफोले निकल जाते हैं. वहीं खुरपका होने पर खुर के बीच मे और खुर के ऊपरी हिस्सों में फफोलें निकल आते हैं.
रोकथाम- वैक्सीन लगाकर इस रोग की रोकथाम की जा सकती है।
पहला वैक्सीन– इस रोग से बचाव हेतु 3 से 4 माह की आयु मे पहला वैक्सीन लगवाना चाहिए।
दोहराने का अंतराल– इस रोग से बकरियों का बचाव करने के लिए हर छः महीने के अंतराल मे वैक्सीन लगवाते रहना चाहिए।
2. गोट प्लेग (पीपीआर)- यह एक घातक संक्रामक बीमारी है इस रोग के कारण बकरियों की मृत्यु हो जाती है। इस रोग को काटा के नाम से भी जाना जाता है। यह संक्रमण बकरियों और भेड़ को होता है।
रोकथाम-इस रोग की रोकथाम वैक्सीन द्वारा की जा सकती है।
पहला वैक्सीन-इस संक्रमक बीमारी से अपने बकरियों को बचाने के लिए 4 महीने की उम्र मे पहला वैक्सीन लगवाना चाहिए।
दोहराने का अंतराल– इसके बाद प्रत्येक 4 वर्षों के बाद इस वैक्सीन को लगाना चाहिए।
3. गोट पॉक्स- यह भी एक खतरनाक रोग है।
रोकथाम-इस रोग की रोकथाम भी वैक्सीन द्वारा की जा सकती है।
पहला वैक्सीन– गोट पॉक्स रोग से अपनी बकरियों को सुरक्षित रखने के लिए तीन से 3से 5 महीने की आयु मे बकरी को पहला वैक्सीन लगवाना चाहिए।
दोहराने का अंतराल-इसके बाद प्रति वर्ष इस वैक्सीन को लगवाना चाहिए।
4. हेमोरेगिक सेप्टिसेमिया (एचएस)- यह रोग अन्य रोगो की तरह घातक नहीं है लेकिन फिर भी बकरियों को नुकसान पहुँचाता है। बकरी पालन कैसे करे इन हिन्दी
रोकथाम- इस रोग की रोकथाम भी वैक्सीन द्वारा की जा सकती है।
पहला वैक्सीन-एचएस रोग से बचाव के लिए जन्म के 3 से 6 महीने के बीच पहला वैक्सीन लगवाना चाहिए।
दोहराने का अंतराल– इसके बाद इस वैक्सीन को भी प्रति वर्ष लगवाना चाहिए।
5. एंथ्रेक्स- यह एक जानलेवा बीमारी है जो बकरियों से इन्सानो मे भी फैल सकता है। इसलिए इसका रोकथाम करना जरूरी हो जाता है।
रोकथाम– इस रोग की रोकथाम भी वैक्सीन द्वारा की जाती है।
पहला वैक्सीन– एंथ्रेक्स से अपने बकरियों को बचाने के लिए 4 से 6 महीने के बीच की आयु मे पहला वैक्सीन दे।
दोहराने का अंतराल- इसके बाद इस वैक्सीन को भी प्रति वर्ष लगवाना चाहिए।
6. निमोनिया- निमोनिया होने पर बकरियों मे निम्न लक्षण दिखाई देते हैं-
नाक बहना ,खाँसना ,छीकना ,मुँह खोलकर सांस लेना आदि।
रोकथाम-बकरी निमोनिया से पीड़ित होने पर 3-5 ml एंटीबायोटिक को 5 दिन तक दें।
7. आफरा –आफरा होने पर बकरियों मे निम्न लक्षण दिखाई देते हैं-
पेट फूलना ,पेट दर्द करना, जुगाली न करना ,सांस लेने मे दिक्कत होना आदि।
रोकथाम– आफरा से बकरियों को बचाने के लिए 10-20 ग्राम खाने का सोडा देना चाहिए। ज्यादा दिक्कत आने पशुचिकित्सक को इसकी सूचना दे।
8.दस्त – इन्सानो की तरह बकरियों को भी दस्त हो जाता है जिसमे बकरियों का मल बहुत पतली निकलती है
रोकथाम– बकरियों मे दस्त की रोकथाम करने के लिए 15-20 ग्राम नेबलोन पाउडर दे सकते हैं अथवा पशुचिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं।
9.प्लूरों निमोनिया (संक्रामक)- किसी भी आयु की बकरी इस रोग के चपेट मे आ सकती है। बकरियों मे प्लूरों निमोनिया होने पर निम्न लक्षण दिखाई देते हैं-
खाँसी आना, लगातार छींकना, नाक बहना और भूख की कमी आदि।
बकरियों का बीमा कैसे करा सकते हैं?
जिस तरह इन्सानो के जीवन का बीमा होता है उसी तरह विभिन्न सरकारी योजनाओ के तहत बकरियो का भी बीमा किया जाता है। मार्केट मे विभिन्न नस्ल की कीमत अलग-अलग होने से अलग-अलग नस्ल की बकरियों का बीमा राशि अलग निर्धारित की गई है। अगर आप अपनी बकरियों का बीमा करा लेते हैं तो खुदा न खास्ता अगर आपका कोई बकरी किसी कारणवश मर भी गई तो इस business मे आपको ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।
बकरियों को कौन-सा चारा खिलाना चाहिए?
बकरियों को आप हरी पत्तियाँ, हरी घास, चुन्नी, चोकर को इनके भोजन के रूप मे दे सकते हैं। अगर आपके पास समय होता है तो आप बकरियों को खुले मे चराने के लिए किसी चरागाह मे भी ले जा सकते हैं।
खुले मे चरने से बकरियों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा और इधर-उधर घूम-घूम कर चरने से उनके पाव भी हष्ट-पुष्ट और मजबूत होंगे।
बकरी के खाने के लिए चोकर बनाने की विधि
चोकर बनाने के लिए अनाज के भूसे मे थोड़ा आटा मिलाया जाता है।
यदि आप बकरियों के लिए एक बार मे 100 kg खाना बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको निम्न मात्रा मे सामग्रियों की जरूरत पड़ेगी-
सामग्री | मात्रा |
चोकर | 45 kg |
मक्के का दर्रा | 25 kg |
बादाम खली | 15 kg |
चने का छिल्का | 12 kg |
मिनिरल मिक्सचर | 2 kg |
नमक | 1 kg |
इन सामग्रियों को अच्छी तरह मिलाकर इस तरह बकरी के खाना बना सकते हैं।
बकरियों के आहार के लिए टिप्स
- बकरियों को उनके खाने के साथ पाचक चूर्ण भी मिलाकर दे इससे उनका पाचन तंत्र मजबूत बना रहेगा।
- जितना हो उसके उतना हारा चारा खिलाये यह बकरियों के पाचन तंत्र के लिए बहुत बढ़िया होता है।
- साथ ही ज्यादा अनाज खिलाने से बचे।
बकरियों के प्रजनन का सही समय कौन सा है?
विभिन्न नस्ल की बकरियों का प्रजनन काल अलग-अलग होता है। औसतन 15-18 महीने की उम्र मे बकरियाँ 21-24 किलो तक हो जाती है। यह उनके प्रजनन के लिए एकदम सही समय होता है। अगर बकरी का वजन कम हो तो यह उनके पेट मे पल रहे बच्चे के लिए हानिकारक होता है। इससे उस बच्चे की मौत हो सकती है।
जब बकरी गर्म होने लगे तो 12-24 घंटे के भीतर उसे बकरे के पास छोड़ देना चाहिए। जिससे बकरी आराम से गर्भधारण कर सके।
बकरी पालन फार्म स्थापित करने में कितना लागत आएगा
इस business को शुरू करने के लिए आपको बकरी खरीदने ,शेड बनवाने और बकरियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करने मे investment करना पड़ेगा और यही इस business मे आने वाला लागत है।
बकरी खरीदने मे आने वाला खर्चा
बकरियों की संख्या आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप कितने बकरियो के साथ इस business को शुरू करना चाहते हैं-
अगर एक 300 रूपये /किलोग्राम के हिसाब से 25 kg वजन की एक बकरी की कीमत =300×25=7,500 रूपये होगी
इसी तरह अगर आप 20 बकरी लेते हैं तो इनकी कुल कीमत = 20×7,500 = 1,50,000 रूपये
बकरियों के साथ कुछ बकरो की भी जरूरत होगी।
यदि आप 30 kg का बकरा 250 रूपये /किलोग्राम के हिसाब से मिल रहा है तो एक बकरे की कीमत =30×250 =7,500 रूपये होगी
अगर आप 2 बकरा लेते हैं तो इनकी कुल कीमत = 2×7,500 = 15,000 रूपये bakri palan ki jankari
अतः 20 बकरी और 2 बकरे खरीदने के लिए आपको कुल मिलाकर 1 लाख 65 हजार रूपये खर्च करने पड़ेगे।
शेड बनवाने मे आने वाला खर्चा
बकरियों के रहने के लिए एक अच्छा सा शेड बनवाना होगा। सामान्यतः शेड बनवाने मे प्रति वर्ग फीट 100 रूपये का खर्च आता है 20 बकरी और 2 बकरे के लिए 440 वर्ग फीट स्थान की आवश्यकता होगी। इस हिसाब से 20 बकरी और 2 बकरे के लिए शेड बनाने का खर्चा 440×100=44,000 रूपए आयेगा।
बकरी पालन मे अन्य आवश्यक खर्च कौन से हैं?
इन सब के अतिरिक्त आपको निम्न चीजों पर भी पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं-
- अगर आप मजदूर रखते हैं तो आपके इसके लिए अलग से पैसे देने होगे।
- अगर आप अपनी बकरियों का बीमा कराते हैं तो बकरियों को खरीदने मे खर्च हुये कुल पैसे का लगभग 5% बीमा राशि मे देने होगे।
- साथ ही बकरियों को विभिन्न रोगो से बचाने के लिए वैक्सीन पर खर्च करना पड़ेगा और उनके दाना-पानी का भी बंदोबस्त करना पड़ेगा। 20 बकरी और 2 बकरे को खिलाने के लिए साल भर मे आपको 10,000 रूपये खर्च करना पड़ेगा।
अतः कुल मिलाकर कह सकते हैं कि इस business को शुरू करने मे कम से कम 2.5 से 3 लाख रूपये तक की लागत आएगी।
बकरे ,बकरियों की संख्या आप अपने इच्छा के अनुसार कम ज्यादा कर सकते हैं। बकरी पालन के लिए आवश्यक लागत का हिसाब लगाने के लिए यह केवल एक छोटा-सा idea है।
Goat Farming Business से कितना लाभ मिल सकता है?| बकरी पालन से कमाई
इस business मे एक बार investment की जरूरत होती है फिर एक बार बकरी से बच्चे पैदा हो जाते है तो आगे चलकर इनसे और नए बच्चे पैदा लेते हैं।
और यह प्रक्रिया चलती रहती है। देखते-देखते 1-2 साल के अंदर आपके फर्म मे कई बकरे-बकरियाँ हो जाती है। अब बार-बार पैसा invest करने की जरूरत नहीं पड़ती है।
ईद-बकरीद के दिनो मे मांस के लिए बकरियों की बहुत मांग होगी है। आप अतिरिक्त बकरे-बकरियों को बेचकर ढेर-सारा पैसा कमा सकते हैं।
शुरू-शुरू मे आप इस business से साल का 1.5 से 2 लाख रूपये ही कमा रहे होंगे लेकिन धीरे-धीरे आपकी यह कमाई बढ़ती चली जाएगी। बकरी पालन से कमाई ak
बकरी पालन Business के लिए सरकार की तरफ से क्या सहायता मिलती है :
goat farming business को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बकरी पालन के लिए भी लोन प्रदान किए जाने का प्रावधान किया है। इस business को शुरू करने के लिए अगर आपके पास कुछ पैसे हैं और आपको कुछ और पैसों की जरूरत है तो आप बकरी पालन करने के लिए लोन ले सकते हैं। आपको बहुत कम ब्याज दरों पर लोन मिल जाएगा।
बकरी पालन Business के लिए कौन-सा पंजीकरण करवाना पड़ता है (Registration):
अपने state के animal husbandry department से संपर्क सकते हैं इस business को शुरू करने के लिए अपने एरिया के local rule की जानकारी ले ले
आप चाहे तो अपने बकरी पालन फर्म का रजिस्ट्रेशन उद्योग आधार की मदद से कर सकते हैं. इसके लिए निम्न स्टेप को फॉलो करे-
आप उद्योग आधार के अंतर्गत ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं. इसके लिए ऑनलाइन वेबसाइट google मे सर्च करे udyogaadhar.gov.in
आपके सामने कुछ इस तरह की साइट खुलकर आएगी।
नीचे आपको तीन row दिखाई देगी। जैसा की image मे दिखाया गया है। इनमे से पहले row पर click करे।
जैसे ही आप पहले row पर click करेगे आपके सामने कुछ इस तरह का page खुलकर आएगा।
यहाँ पर आपको अपनी आधार नंबर और नाम देने की आवश्यकता होती है। otp generate करने के लिए इस तरह के box को click करे।
अपना नाम और आधार नंबर देने के बाद आपके आधार नंबर से link mobile number पर एक otp आयेगा । उसी otp को नीचे दिये box मे डालकर ‘वैलिडेट आधार’ के option पर क्लिक करें. जैसा कि image मे दिखाई दे रहा है।
इस प्रक्रिया से आपका आधार वैलिडेट हो जाता है.
इसके बाद आपको अपने संगठन का प्रकार चुनना होगा और pan card verification करना होगा। इसके लिए आपके सामने कुछ इस तरह का box खुलकर आएगा।
पैन कार्ड verification हो जाने के बाद आपको continue के button पर click करना है।
नाम, कंपनी का नाम, कंपनी का पता, राज्य, ज़िला, पिन संख्या, मोबाइल संख्या, व्यावसायिक ई मेल, बैंक डिटेल, एनआईसी कोड आदि देने की आवश्यकता होती है.
सभी जानकारी देने के बाद submit and get final otp के button पर क्लिक करे
यह पूरी प्रक्रिया के पूरे होने के बाद आपके लिए एमएसएमई की तरफ से एक प्रमाण-पत्र तैयार हो जाता है. आप इस सर्टिफिकेट का प्रिंट निकलवाकर कानूनी दस्तावेज़ के रूप मे रख सकते हैं।
बकरी पालन Business की मार्केटिंग कैसे करें (Marketing):
अगर आप चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा बकरी या बकरा आपके फर्म से sell हो इसके लिए लोगो को आपके business के बारे मे पता होना चाहिए और लोगो को कोई चीज तभी पता चलता है जब वह उस चीज के बारे चर्चा हो ,वह चीज लोगो के कान मे सुनाई दे ,आँखों से दिखाई दे। अपने business का प्रचार करने के लिए आप अपने एरिया के local समाचार पत्रो मे विज्ञापन दे सकते हैं।
बकरी पालन की Training कैसे लें
अगर आप बकरी पालन की trainging लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास दो विकल्प है। या तो आप किसी अनुसंधान केंद्र मे जाकर इसकी training ले सकते हैं या किसी बड़े goat farm मे जा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले मे एक ऐसी ही अनुसंधान केंद्र है जहां से आप बकरी पालन की training ले सकते हैं। यहाँ पर 10 दिन के training की fees 3000 रूपये ली जाती है। training schedual के लिए आप फोन करके बात कर सकते हैं।
इसके लिए आप इस link पर click कर इनके official site मे visit कर सकते हैं
www.cirg.res.in/training.php
अगर आप उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से हैं तो बकरी पालन की training के लिए आप
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के goat फर्म R.V. Goat Point से 1 दिन की trainging ले सकते हैं
यह फर्म plastic flooring से बना हुआ north india का पहला High tech goat फर्म है।
goat farming से जुड़ी किसी भी प्रकार की सहायता के लिए आप इनसे संपर्क कर सकते हैं
contact number- 9919902906 Website- www.rvgoatpoint.com
बकरी पालन से जुड़े आमतौर पर पूछे जाने वाले प्रश्न
बकरियों में कितनी कमाई है?
Ans. बकरियों मे बहुत अच्छी कमाई है। आप न केवल बकरियों के मांस बेचकर पैसे कमा सकते हैं बल्कि इसके दूध को बेचकर भी अच्छे पैसे कमा सकते हैं।
बकरी पालन व्यवसाय कैसे करें?
Ans. बकरी पालन व्यवसाय करने के लिए सबसे पहले सही नस्ल का चुनाव करना जरूरी है। फिर इसके बाद बकरियों के लिए शेड की व्यवस्था करनी पड़ेगी और ज्यादा जानने के लिए इस लेख को पढ़ सकते हैं।
बकरी पालन के लिए कितनी जगह चाहिए?
Ans. एक बकरी के लिए कम से कम 20 वर्ग फीट जगह की जरूरत होती है। अगर आप इसी तरह के 10 बकरी पालते हैं तो इसके लिए आपको 200 वर्ग फीट स्थान की जरूरत होगी।
बकरी पालन को शुरू करने के लिए कितना खर्च करना पड़ सकता है।
Ans. बकरी पालन मे आने वाला खर्चा कई चीजों पर निर्भर करता है जैसे कि बकरियों की संख्या कितनी है फिर उसी हिसाब से बकरियों के लिए शेड निर्माण किया जाएगा । आप इस बिज़नस को ₹30,000 से लेकर ₹50,000 मे कम बकरियों से भी शुरू कर सकते हैं।
बकरी पालन का बिजनेस किन क्षेत्रों के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है?
Ans. बकरी पालन का बिजनेस ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
बकरी पालन के बिजनेस में दूध उत्पादन किन बकरियों से जाती है ?
Ans. बकरी पालन के बिजनेस में दूध उत्पादन जखराना, मेहसाना, सुरती, मालाबारी इत्यादि बकरियों से जाती है।
बकरी पालन के बिजनेस में मांस उत्पादन के लिए बकरियों की कौन-सी नस्ल है ?
Ans. बकरी पालन के बिजनेस में मांस उत्पादन के लिए अफ्रीकन बोर,सिरोही,ब्लैक बंगाल इत्यादि बकरियों की नस्ल है।
तो दोस्तो , हम उम्मीद करते हैं कि यहाँ तक बने रहने के बाद Goat Farming से जुड़े आपके सारे डाउट क्लियर हो गए होंगे.
अगर फिर भी कोई क्वेश्चन आपके मन में आ रहा है तो आप बेझिझक हमसे पूछ सकते हैं.
धन्यवाद