जीवन क्या है? | इसे 21वीं सदी में इसे किस प्रकार बेहतर बनाए रखा जा सकता है? – Live In Hindi
जीवन (Life) सुनने में काफी सामान्य शब्द लगता है जिसका साफ-साफ अर्थ कोई भी आपको बता देगा, और मैंने बल्कि हम सब ने बचपन से अपने माता-पिता, बुजुर्गों, दोस्तों, भाई-बहनों से यही सुना है कि जीवन शिक्षा ग्रहण करना एक अच्छी नौकरी करना सरकारी हो तो क्या कहने परिवार की इच्छा से शादी और फिर कम से कमन एक बच्चा, बेटा हो तो सोने पर सुहागा.
जीवन | Life
महत्वपूर्ण बिन्दू
बस यही जीवन है जाने अनजाने जिसे हम बचपन से सुनते व अपनाते आ रहे हैं आपके मन में भी कभी ना कभी यह प्रश्न उठा होगा, क्या है जीवन? (What is Life?) या फिर लोग यह सोचते हैं कि हिमालय पर चले जाओ तब शायद हमें जीवन का असली अर्थ समझ आएगा
बड़ी ही हास्यास्पद बात है सब कुछ इतना एक्सट्रीम है जिसे हम आम भाषा में अति कर देना कहते हैं हम जब हिमालय पर रह रहे योगियों के बारे में बात करते हैं तो कहते हैं अरे भाई वह तो अलग है और क्या पता शायद वह भी हमारे बारे में यही सोचते होंगे। यह रस्साकशी अनंत काल से चली आ रही है. दोस्तों आपको क्या लगता है योगी ऐसा सोचते होंगे कि हम उनसे अलग है आप भी कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर दीजिएगा.
चलिए अब हम जीवन को कुछ अलग तरीके से देखने की कोशिश करें
सफलताओं और असफलताओं का खेल
हम अक्सर जीवन को सफलताओं और असफलताओं के पैमाने पर तोलते हैं क्योंकि केवल सफलताएं और असफलताएं जीवन में इतनी महत्वपूर्ण होती हैं कि हमारा व्यक्तित्व हमारा पूरा जीवन बस इसी पर टिका होता है
वास्तव में देखा जाए तो सफलता और असफलता जैसा जीवन में कुछ होता ही नहीं, वह बस मनुष्यों द्वारा निर्मित एक पैमाना है अगर आप उस पैमाने पर खरे उतरे तो आप इस समाज में एक सफल व्यक्ति कहलायेंगे और यदि नहीं तो निश्चित ही आप एक असफल इंसान हैं
आप सब यह बात जानते होंगे ईश्वर के दिल में हम सब के लिए एक ही जगह हैं , वहां कोई पैमाना नहीं है।
आशा हे की आप सभी काफी कुछ समझ गए होंगे और इन तीन बिंदुओं पर गौर कीजिये
- आपने जीवन को बिना किसी पैमाने पर रख कर कर्म कीजिए
- अपने आप को अधिक से अधिक प्यार और प्रोत्साहन दीजिए
- अपने आप को निरंतर बेहतर से बेहतर इंसान बनाने की कोशिश कीजिए
विचारों की शक्ति
आप सभी ने भगवान गौतम बुद्ध के उस कोर्ट के बारे में तो सुना होगा
विचार, सोच, पॉजिटिव थिंकिंग (Positive Thinking) इन सबसे पहले हमें हमारे अंदर अवेयरनेस (Awareness) नाम की एक कसरत को करना होगा
जिसकी शुरुआत आप अपने विचारों (Thoughts) से कीजिए उदाहरण के लिए अगर आपको कोई प्यार भरे शब्द बोलता है उस वक्त आपके अंदर क्या चल रहा होता है आपको अपने विचारों को समझना है या फिर किसी ने आपको कोई कठोर शब्द कह दिया तब उस वक्त अपने मन में कैसे विचार आएंगे या फिर जब आप कुछ भी नहीं कर रहे हो तब आपके मन में किस प्रकार के विचार आते हैं बस यही सब
जब आप खुद के विचारों पर अपनी पकड़ बना लेंगे जब आपको यह ज्ञात होगा तब आपके अंदर यह समझदारी भी विकसित हो जाएगी कि किस परिस्थिति में कैसे प्रतिक्रिया (React) करते हैं
वास्तव में हमें अपने अंदर आ रहे हैं विचारों और साथ ही साथ दूसरों के (हमारे आसपास रहने वाले लोगों) विचारों का अधिक फर्क नहीं पड़ेगा तभी जीवन जीना आसान होगा
चेतना का विकास
सबसे महत्वपूर्ण बात चेतना से हमारे मन का विकास होता है मन पर विजय हासिल कर लेना अपने जीवन के प्रति अहंकारी दृष्टिकोण रखना नहीं अपितु उस अहंकार का फायदा अपने जीवन को बेहतर बनाने में करें ना ही दूसरों पर विजय हासिल करने में अपने द्वारा किए गए व्यवहार व फैसलों पर नजर रखें जरूरत पड़ने पर स्वयं में सुधार करें।
चलिए अब हम कुछ बिंदुओं पर चर्चा करें जो आपके और हमारे जीवन को और आसान व बेहतर बना सकती हैं हमारी शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है
प्ररेणा की खोज
देखिए प्रेरणा (Motivation) तो हमारे चारों है एक छोटा बच्चा भी हमें वह सब कुछ सिखा सकता है जिनसे हम बड़े बड़े गुरुओं से भी नहीं सिख सकते हैं
इसलिए सीखने और समझने को तो बहुत कुछ है पर आप अपने जीवन में उसे कितना उतारना चाहते हैं यह आप पर निर्भर करता है
आइए जीवन जीने के कुछ आसान बिंदुओं पर नज़र डालें
- जितना हो सके अपने आप को प्रकृति से जुड़े रहें पेड़ पौधे नहीं लगा सकते तो कुछ देर के लिए रोज बाहर टहलने जाएं
- लोगों को जल्दी माफ कर देना सीखे अपने आप को यह सुझाव दें कि यह सब मेरे साथ नहीं अपितु मेरे (इष्ट भगवान) के साथ हुआ है अपने मन का भार ईश्वर के साथ साझा करें गीता के चौथे अध्याय में कृष्ण ने अर्जुन को यही कहा है
- किसी से भी बदले की भावना ना रखें
- छोटे बच्चों के साथ समय बिताएं
- अपने व्यवहार पर समय-समय पर गौर करें इससे आप का ही विकास होगा और आप और अधिक समझदार बनेंगे
- इस बात को हमेशा याद रखें कि सबका व्यवहार एक जैसा नहीं होता तो किसी को बदलने में अपना समय खर्च ना करें जब तक कि बहुत जरूरी ना हो
- अपने अंदर के बच्चे (Inner Child) को हमेशा जिंदा रखें
- जीवन को ज्यादा गंभीरता (Seriously) से ना लें
- समस्याएं तो सब की जीवन में है अपनी प्रॉब्लम के बारे में सोचते रहने या दुखी होने से वे ख़त्म नहीं होंगी हां अपनों से या कुछ ख़ास दोस्तों के साथ ही साझा करने से मन हल्का जरूर होगा
- कुछ ना कुछ नया सीखते रहें
- खुद से प्यार करना कभी ना भूले, याद रखें जो लोग खुद से प्यार नहीं करते वह दूसरों को प्यार कभी नहीं दे सकते
“पहले अपना हमसफर खुद बने“